दिल्ली विधानसभा को, राष्ट्रपति ने भंग किया, चुनाव जनवरी में?
युदस नई दिल्ली दिल्ली विधानसभा को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की अनुशंसा पर भंग करने से, राष्ट्रीय राजधानी में नये चुनाव का मार्ग प्रशस्त हुआ और फरवरी में ‘आम आदमी पार्टी’ सरकार के गिरने के बाद से यहां बनी राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गयी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ‘‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’’ की विधान सभा को तत्काल प्रभाव से 4 नवम्बर मंगलवार को भंग कर दिया।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भाजपा, ‘आप’ और कांग्रेस के साथ बातचीत कर, सरकार बनाने में इन तीनों दलों के असमर्थता व्यक्त करने की अपनी जानकारी भेजी थी।दिल्ली में अब अधिसूचना जारी होने पर विधानसभा चुनाव 2015 के आरम्भ में हो सकते हैं, जबकि विधानसभा की तीन सीटों के लिए 25 नवम्बर को होने वाले उपचुनाव की प्रक्रिया को चुनाव आयोग ने आज रद्द कर दिया। इस उपचुनाव के लिए नामांकन प्रस्तुत करने का आज अंतिम दिन था। भाजपा के दिल्ली प्रभारी प्रभात झा ने कहा कि पार्टी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और दिल्ली में अपना मु मं प्रत्याशी घोषित नहीं करेगी। प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने भी कहा कि भाजपा सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।
केजरीवाल की गंदी राजनीति: बिन्नी
नई दिल्ली आम आदमी पार्टी से निष्कासित लक्ष्मीनगर के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने आप नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया पर पर्दे के पीछे से गंदी राजनीति करने और दिल्ली में फिर से आप की सरकार बनवाने के लिए, उन्हें अपने पाले में लाने के करने का आरोप लगाया है। बिन्नी के अनुसार रविवार को मनीष सिसौदिया ने गत 10-12 माह से उनके कार्या, का कामकाज देख रहे, उनके कर्मी शकील को अपने
कार्या, पर बुलाया और उससे कहा कि कांग्रेस के 6 लोग हमारे साथ आने को राजी हैं। यदि बिन्नी भी रामबीर शौकीन और शोएब इकबाल को साथ लाकर हमें समर्थन दे दें, तो दिल्ली में फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है।
बिन्नी का दावा है कि शकील ने इस मामले में प्रत्युत्तर नहीं दिया और वापस आकर मुझे सब कुछ बताया। बिन्नी का कहना है कि मैंने इस बारे में आप नेताओं से तो कोई बात नहीं की, किन्तु उनके इस कदम से यह अवश्य स्पष्ट हो गया कि पर्दे के पीछे से, वो कैसी राजनीति कर रहे हैं। जबकि मीडिया और जनता के सामने; वो विधानसभा भंग कर, नए सिरे से चुनाव कराने की मांग करते हैं। मनीष सिसौदिया ने बिन्नी के इस दावे को सरासर झूठ और बकवास करार देते हुए कहा कि वह न तो बिन्नी के 'ऑफिस बॉय' को जानते हैं और ना ही उसे अपने कार्या पर बुलाया था। राजनीती में कौन सच्चा कौन झूठा कैसे जाने ? जब .....
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देश की श्रेष्ठ प्रतिभा, प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण
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